ओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत:। क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।

मुख्यमंत्री पोर्टल को बनाया गया मजाक, ईओ की जगह चेयरमैन का हस्ताक्षर मोहर युक्त आख्या किया गया अपलोड

 

मुख्यमंत्री पोर्टल को बनाया गया मजाक, ईओ की जगह चेयरमैन का हस्ताक्षर मोहर युक्त आख्या किया गया अपलोड

👉 मुख्यमंत्री पोर्टल पर मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की गई मांग

ओबरा (सोनभद्र)

 ओबरा नगर पंचायत इस समय लगातार भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में हैं। जिस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी द्वारा जनपद व शासन स्तर पर शिकायत किया गया हैं। जिस पर कार्यवाही चल रही है, एक शिकायती प्रपत्र नगर विकास विभाग निदेशक को संबोधित दिया गया था। जिसकी जांच जनपद स्तर के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कराए जाने का अनुरोध किया गया था।

 परंतु उक्त जांच नगर पंचायत ओबरा अधिशासी अधिकारी के जनसुनवाई पोर्टल पर प्रेषित कर दिया गया है। जिसकी ईओ ने कोई जांच नहीं किया न ही कोई समाधान करने का प्रयास किया। बल्कि फर्जी तरीके से मनमानी आख्या रिपोर्ट लगाया गया है। मुख्य बात तो यह है कि इस जनसुनवाई आख्या प्रारूप पर जांच अधिकारी/कार्मिक के हस्ताक्षर की जगह पर नगर पंचायत चेयरमैन चांदनी देवी का हस्ताक्षर कराया गया है। 

आख्या मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। जबकि IGRS(मुख्यमंत्री) पोर्टल या सरकारी विभाग में किसी भी पत्राचार में जनप्रतिनिधि कभी जांच अधिकारी नहीं हो सकता, भारत आजादी के बाद का सबसे बड़ा आश्चर्यजनक विषय यह है कि जिसके खिलाफ शिकायत है उसी को जांच अधिकारी बनाया गया है। यह लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण है। जो विधि विरुद्ध है, सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा होता है कि जनप्रतिनिधि चेयरमैन जांच अधिकारी कैसे बनी ?

आख्या रिपोर्ट अधिकारी वाला प्रपत्र मुख्यमंत्री पोर्टल पर कैसे अपलोड हुआ? इस मामले को लेकर राकेश केशरी ने पुनः मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा कर पुनः मांग किया है कि मुख्यमंत्री पोर्टल का मजाक बनाने वाले दोषी अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत ओबरा के खिलाफ जांच करा कर कड़ी कार्यवाही किया जाए। यदि कार्यवाही नहीं किया गया तो मुख्यमंत्री से जनता दरबार में मिलकर ओबरा नगर पंचायत के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त ईओ की शिकायत करने को जनता बाध्य होगी।

Delhi 34 news report by Anand Prakash Tiwari

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