महर्षि वाल्मीकि की मनाई गई जयंती
सोनभद्र-
सपा जिला कार्यालय पर गुरुवार को पार्टी के जिलाध्यक्ष राम निहोर यादव की अध्यक्षा में महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पार्टी के पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं के साथ महर्षि के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। मौके पर मौजूद सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा कि रामायण के रचयिता एवं संस्कृति के महाकवि महर्षि वाल्मीकि का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, किंतु डाकुओं के साथ रहने के कारण वह लूटपाट और हत्याएं करने लगे और यही उनकी आजीविका का साधन हो बन गया , इन्हें जो भी मार्ग में मिलता वह उसकी संपत्ति लूट लिया करते थे। एक दिन उनकी मुलाकात देवर्षि नारद से हुई। उन्होंने नारद जी को लुटते हुए कहा कि तुम्हारे पास जो कुछ है उसे निकाल कर रख दो नहीं तो तुम्हें जीवन से हाथ धोना पड़ेगा । नारद ने कहा मेरे पास इस बीड़ा और वस्त्र के अलावा कुछ और नहीं है। तुम लेना चाहो तो इसे ले सकते हो, लेकिन तुम यह कुकर्म करके भयंकर पाप क्यों कर रहे हो, देवर्षि की कोमल बांड़ी सुनकर वाल्मीकि का कठोर हृदय कुछ द्रवित हुआ,
इन्होंने कहा कि मेरी आजीविका का यही साधन है, और इससे ही मैं अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं। देवर्षि नारद बोले तुम अपने परिवार वालों से जाकर पूछो कि वह तुम्हारे इस पाप कर्मों में भी हिंस्सा बटाएंगे या नहीं । महर्षि नारद के कहने पर वाल्मीकि ने परिजनों से यह प्रश्न पूछा तो सभी ने कहा कि यह तुम्हारा कर्तव्य है। कि हमारा भरण पोषण करो परंतु हम तुम्हारे पाप कर्मों में क्यों भागीदार बने । परिजनों की बात सुनकर बाल्मीकि को बड़ा आघात लगा, उनके ज्ञान नेत्र खुल गए, उनके जीवन की दिशा बदल गई । इस घटना से बहुत दुखी हुए और गलत मार्ग का त्याग करते हुए श्री राम की भक्ति में डूब गए । महर्षि वाल्मीकि जी की लोकप्रियता सर्वोपरी है। एवं हिंदू धर्म के अनुयाई वाल्मीकि के सदैव रीड़ी रहेंगे। गोष्ठी में मुख्य रूप से जिला महासचिव मोहम्मद शाईद कुरैशी, अनिल प्रधान, अशोक पटेल, सरदार पारब्रह्म सिंह, पंचदेव सिंह खरवार, त्रिपुरारी गौड़, सौर त्रिपाठी, सनी पटेल, बाबू हाशमी, विद्यासागर मौर्य, बबलू धागर, राजकुमार यादव, दीनानाथ अग्रवाल व जिलाजीत यादव के साथ दर्जनों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
Delhi 34 news report by Anand Prakash/Tiwari Sangam Pandey
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