ओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत:। क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।।

पुण्य तिथि पर याद किए गए गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले देवेंद्र शास्त्री

 


पुण्य तिथि पर याद किए गए गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले देवेंद्र शास्त्री

सोनभद्र। आदिवासी बहुल जनपद सोनभद्र में गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले भूतपूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र शास्त्री को पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा करते हुए याद किया गया। इस दौरान हजारों गरीब, असहाय व वृद्धों को कंबल वितरण भी किया गया।


कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि यूपी सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड़ मौजूद रहे। शास्त्री  के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए संजीव गौड़ ने बताया कि इस क्षेत्र में विकास के नाम से अगर किसी जन प्रतिनिधि को उस दौर में जाना गया तो वह नाम था  देवेंद्र शास्त्री जो बिना किसी भेद भाव के हर वर्ग को न केवल साथ लेकर चलते थे बल्कि उनके परिवार और घर को अपना परिवार और घर मानते थे। इस क्षेत्र में जहां पैदल जाना भी आसान नहीं था वहीं शास्त्री जी ने अपने अथक प्रयासों से सड़क बनवाकर गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने को असंभव कार्य किया जो तब के वक्त में किसी को भी नहीं अहसास था कि ऐसा संभव हो सकता है। यही वजह है कि लोग शास्त्री को यहां के लिए मसीहा की तरह मानते थे। वह कहीं किसी के घर में जाकर भोजन कर लेते थे। 

कार्यक्रम के संयोजक और जुगैल जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजीव तिवारी ने भी इस दौरान शास्त्री द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए जनता को संबोधित किया और बताया कि जैसे शास्त्री जी आप सबके हर सुख दुख में सदैव तत्पर रहते थे उसी प्रकार हम भी उनके द्वारा दिए हुए आदर्शों पर हमेशा चलने का प्रयास करेंगे हमारे पास जो कोई भी किसी बात की समस्या लेकर आएगा यथा संभव उनके हर समस्या और सुख-दुख में साथ खड़े रहेंगे।

कार्यक्रम में भाजपा के जिला महामंत्री रामसुंदर निषाद ने भी अपने संबोधन में बताया कि किस प्रकार से हम जैसे एक सामान्य गरीब परिवार के लड़के को शास्त्री जी ने अपने मार्गदर्शन में भाजपा जैसी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी में न केवल काम करने का अवसर दिया बल्कि तीन बार जिला महामंत्री भी उनके सिखाए आदर्शों से बनने का मौका मिला।इसी लिए हम उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं

कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्थानीय प्रधान इतिहास रहे मौजूद।

Delhi 34 news report by chandra mohan Shukla

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