ओवरलोड राख परिवहन से उर्जांचलवासी परेशान, तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाया जाए ठोस कदम, अन्यथा करेंगे आंदोलन: विजय गुप्ता
शक्तिनगर/सोनभद्र। विंध्यनगर सिंगरौली एनटीपीसी परियोजना से निकल रहे ओवरलोड वाहनों के कारण क्षेत्र में प्रदूषण और अव्यवस्था लगातार बढ़ती जा रही है। इन भारी वाहनों से गिरती राख और धूल से आम राहगीरों, स्थानीय निवासियों तथा वाहन चालकों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित तेलगंवा बॉर्डर से लेकर शक्तिनगर, खड़िया बाजार व शक्तिनगर तक की सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने से सड़कें अब तालाब जैसी दिखने लगी है। इससे आएदिन दुर्घटनाएं हो रही है।
ग्राम प्रधान विजय गुप्ता उर्फ लाल बाबू, मजदूर सभा के प्रदेश सचिव मुकेश सिंह ने कहा कि एनटीपीसी परियोजना की जिम्मेदारी है कि राख परिवहन के लिए बंद बल्कर वाहनों का उपयोग किया जाए, ताकि राख उड़कर प्रदूषण न फैला सके। लेकिन परियोजना प्रबंधन द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क पर न तो नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जा रहा है, और न ही क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत करायी जा रही है। धूल भरी सड़कों से ओवरलोड ट्रकों का बेखौफ संचालन होने से एक तरफ जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ तेजी से फैल रही गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर क्षेत्रीय लोग खाट पकड़ ले रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन एवं एनटीपीसी प्रबंधन से मांग की है कि जल्द से जल्द ओवरलोड राख परिवहन से क्षतिग्रस्त हुई सड़क की मरम्मत कराए जाने के साथ ही सड़क पर नियमित पानी का छिड़काव कराया जाए। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाया जाए, अन्यथा क्षेत्रीय लोग आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को बाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदार परियोजना प्रबंधन के साथ ही प्रशासन की होगी।
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